All characters appearing in this story are fictitious any resemblance to real person , living or dead is purely coincidental.
कहानी में दिखाई देने वाले सभी पात्र काल्पनिक हैं, जीवित या मृत किसी भी वास्तविक व्यक्ति से कोई भी समानता विशुद्ध रूप से संयोग है।
राधे राधे ||
आप लोगो ने कहानी का शीर्षक तो देख लिया होगा, तो चलिए शुरू करते है | ये कहानी एक लड़की है जिसका सिर्फ लोगो को नाम पता है "नन्ही मार्क " जो कश्मीर की रहवासी हैं | रहसम्य पहचान छिपे हुए इरादे और एक सच्चाई का अटूट इरादा नन्ही के पास है | अपनी पढ़ाई के लिए वो कश्मीर को छोहती है लेकिन एक हुरादे के साथ जिसे शायद ही कोई जान पाए ।
नीव इस दुनिया की जीत इंसानियत है , और इसानों को नीत उनका बचपन बोला जाता है की वो की कोमल आयुया उनकी मासूमियत का दौर कहने को तो बहुत बड़ा होता है पर यू कट जाता है | एक बीज जब पौधे में परिवर्तित होता है/ तो वो मिट्टी को जकड़ लेता हैं ताकि अपनी नीव बना पाए , इसके समान ही एक बच्चा अपनी नीव तभी बनाता है जब उसे प्यार और एक अटूट सहारा मिले , पर सहारा देने वाला अगर कपटी हो तो बच्चा अपना बचपन भूल जाता हैं |
आज के दौर में माता - पिता आपने बच्चो को आगे बड़ाने के लिए खून पसीना एक कर देते हैं पर बच्चे एक ऐसी स्थिति में होते हैं जहां उनके लिए बस मौज-मस्ती जीने का सहारा होता हैं , पर इन्हें रास्ते पर लाने के लिए कोई ना कोई जरूर खड़ा होता हैं।
नन्ही मार्ग एक लड़की जो कश्मीर से शिफ्ट होकर मुंबई आती हैं अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए |
RISING HOPE SCHOOL MUMBAI
1 राइजिंग होप स्कूल मुंबई , विश्व प्रसिद्ध स्कूल जो शिक्षा से जादा अमरी दर्शाता है , विश्व के हर कोने से कोई न कोई अमीरजादा या अमीरजादी यही पडती हैं | गरीब या मध्यम वर्ग के लोग यहा कदम भी नही रख सकते और अगर रख दिया तो क्या होता है ? चलिए जानते हैं
07/03/2019 सुबह का समय नन्ही स्कूल में कदम रखती हैं सभी उसे देखने लग जाते है गुगराले बाल , नीली लंबी आंखे , गोरा राग और कद ठीक ठाक / कुछ लड़कियां नन्ही को देख कर मुस्कुराती हैं तो कुछ वही नकली मुस्कान बिखेर देती हैं उसकी खुसूरती से जलकर लेकिन वही स्कूल के सारे को ना देखकर बस उसे लड़के को घूर रही थी एक रहसमीय मुस्कान के साथ कुछ ही देर में बैल बजती हैं जिससे सारे बच्चे नन्ही को देख देखकर सामने बड़ जाते हैं और अपनी क्लासेस में चले जाते हैं , नन्ही अपना आइडेंटी कार्ड काउंटर से लेकर अपनी क्लास की ओर बढ़ जाती हैं रास्ते में ही उससे वही लड़का सीढ़ियों के एक छोर पर खड़ा मिलता हैं , हेड फोन कान पर लगाए होते हैं और अपनी नजरें सिर्फ फोन पर गडी होती हैं | नन्ही फिर उससे घूरने लगती हैं पर फिर नन्ही का ध्यान उस लड़के के पीछे जाते हैं , पीछे कोरिडोर की तरफ से तीन चार कर्मचारी बडे बडे बक्से लेकर आ रहे थे पर उनका आगे बिल्कुल भी ध्यान नही था / नन्ही तेजी से उस लड़के की तरफ बढती हैं और उसे अपनी तरफ खीच लेता हैं जिससे वह दोनो एक दूसरे के बहुत ही करीब आ जाते हैं और एक दूसरे से ही लिपटकर सीढ़ियों से नीचे एक कोने में गिर जाते हैं, जहा शायद ही उन्हें कोई देख पाए / नन्ही के होठ उस लड़के की छाती को चूम लेते हैं और वो लड़का नन्ही के इतने करीब था की नन्ही का सारा शरीर उसे महसूस हो रहा था बिलकुल वैसे ही जैसे मछली पानी में होती हैं , ना पानी से दूर ना पानी के पास बिल्कुल उसके करीब / .
वो लड़का नन्ही के उप्पर से उठने की कोशिश करता है लेकिन उस लड़के का लॉकेट नाही की शर्ट की बटन में फस जाता हैं पर दोनो का ध्यान एक दूसरे पर था इसलिए वो लड़का जल्दी से खड़ा हो जाता है जिससे नाही की शर्ट की ऊपर की दो बटन टूट जाती हैं। लड़के का यान टूटी बटनों पर जाता है जिसके वो झट से अपना मुह एक तरफ कर लेता है / नन्ही ये देख मुस्कुराती हैं , नन्ही की हाथ और पैर दोनो पर चोट लगी होती हैं तो वो उठ नही पाती
/ लड़का बोलता हैं मिस मे आई हेल्प यू / नन्ही : हां में सिर हिलाती हैं। लड़का : नन्ही का हाथ पकड़ता हैं और उसे अपनी ओर खींचता हैं जिससे नन्ही......